सच्ची_भक्ति
एक अत्यंत गरीब दीनहीन अपहिज था, वो एक छोटे से गाँव में रहता था, वहाँ के लोग उसकी कान्हा भक्ति देख उसे पागल कहतें थें, वहाँ नित्य प्रतिदिन रोज सुबह 10 किलोमीटर कान्हा के मंदिर के लिए निकलता था, और कुछ जादा नही चल पाता था, उसके पैर छिल जातें थें, बाजूओं में बैशाखी से […]
रुद्राक्ष उत्पत्ति की कथा
स्कन्द जी ने भगवान शंकर जी से पूछा – हे महादेव, महान गुण सम्पन्न रुद्राक्ष का निर्माण कैसे हुआ ? रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते है ? उनको कैसे धारण किया जा सकता है ? उसकी सरल विधि क्या है ? कृपया बताइये ?भगवान शंकर जी कहने लगे – सुनो स्कन्द जी, प्राचीन कल मे […]
गोवर्धन पर्वत धारण
गोवर्धन पर्वत धारण करने पर नीचे की भूमि जलमग्न क्यों नहीं हुई……….एक समय शिवजी ने पार्वती जी के सामने सन्तों की बड़ी महिमा गाई। सन्तों की महिमा सुनकर पार्वती जी की श्रद्धा उमड़ी और उसी दिन उन्होंने श्री अगस्त्य मुनि को भोजन का निमन्त्रण दे डाला तथा शिवजी को बाद में इस बाबत बतलाया तो […]
राजा इंद्रद्युम्न की कथा
राजा इंद्रदयुम्न ने बनवाया था यहां मंदिर : राजा इंद्रदयुम्न मालवा का राजा था जिनके पिता का नाम भारत और माता सुमति था। राजा इंद्रदयुम्न को सपने में हुए थे जगन्नाथ के दर्शन। कई ग्रंथों में राजा इंद्रदयुम्न और उनके यज्ञ के बारे में विस्तार से लिखा है। उन्होंने यहां कई विशाल यज्ञ किए और […]